मौद्रिक नीति
एक व्यापक अवधारणा मौद्रिक नीति है आर्थिक नीति के अंतिम उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए मौद्रिक नीति उद्देश्य बैंक के नियंत्रण में ब्याज दोनों को मुद्रा आपूर्ति और रेट की उत्पादन जैसे परिणाम को नियमित करने के लिए मौद्रिक साधनों का उपयोग में लाया जाता है मौद्रिक नीति में अर्थव्यवस्था में निवेश प्रवाह के संयोजन के माध्यम से कार्य करती है अर्थव्यवस्था में मुद्रा की तरलता अर्थात आपूर्ति एवं बाजार को प्रभावित करने वाली नीतियों को मौद्रि नीति कहलाती है
मौद्रिक नीति के द्वारा अर्थव्यवस्था के प्रवाह होता है प्रचलन की मात्रा द्वारा विनिमय किया जाता है मौद्रिक नीति का संरक्षण केंद्रीय भारतीय रिजर्व बैंक करता है भारतीय रिजर्व बैंक को बैंकों का बैंक कहा जाता है
मौद्रिक नीति प्रक्रिया
इसे केंद्र सरकार द्वारा गठित किया जाता है मौद्रिक नीति सीमित मुद्रास्फीति को लक्ष्य हासिल करने के लिए आवश्यक पॉलिसी ब्याज जरूरी पड़ती है भारतीय रिजर्व बैंक का मौद्रिक नीति विभाग मौद्रिक नीति निर्माण भी करतीं हैं और उसकी समिति सहायता भी से करता है अर्थव्यवस्था के सभी राज्यों दायरो पर रिजर्व बैंकों के विशेष कार्य से पॉलिसी रेपो रेट पर निर्माण लेने की प्रक्रिया में योगदान करता है वित्तीय बाजार समिति को समीक्षा करने के लिए दैनिक आधार पर बैठक भी किया जाता है ताकि संक्षिप्त किया जा सके मौद्रिक नीति भारत अनुसार रेट दर का परिचालन लक्ष्य रिपोर्ट रखा जा सके वर्तमान न्यू मॉडल नीति में 6 सदस्य हैं अप्रैल 2014 में पूर्व विधायक कर तिमाही और चार मध्य तिमाही मूड़ों नीति की घोषणा की जाती है परंतु अप्रैल 2014 के प्रसाद एक व्यक्ति वर्ष में 6 बार अर्थात हुई मासी मौद्रिक नीति की घोषणा की जाती है
मौद्रिक नीति का लक्ष्य
काम और स्थिर मुद्दा स्थिति
मौद्रिक नीति के लक्ष्य
वित्तीय स्थिति
समावेशी विकास हासिल करना
मौद्रिक नीति के उद्देश्य
मौद्रिक नीति का सबसे बड़ा उद्देश्य अर्थव्यवस्था की कीमत तरलता को बनाए रखना अर्थात अर्थव्यवस्था की मुद्रा नियंत्रण करने के लिए मंदी अवस्था का मुद्दा और इस प्रीति से निकलने के लिए मौलिक निधि सबसे अस्त्र माना जाता है मौद्रिक नीति अर्थव्यवस्था में मुद्रा का प्रवास संतुलित करती है एवं ब्याज दरों को नियंत्रित करती है मौद्रिक नीति गतिविधियों में वृद्धि कर आर्थिक समृद्धि की दर में को तीव्र करती है
मौद्रिक नीति के उपकरण
मात्रात्मक उपकरण
मौद्रिक नीति के मात्रात्मक उपकरण है जो जिनका संबंध अर्थव्यवस्था की समग्र मुद्रा की पूर्ति से होता है मात्रात्मक कारण के द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक अर्थव्यवस्था मुद्रा पूर्ति में वित्तीय कमी करता है इस मात्रात्मक उपकरण का प्रयोग इस प्रकार किया जाता है की अर्थव्यवस्था में समग्र मुद्रा की मुद्रास्फीति के दौरान घटती अथवा बड़ती है
बैंक दर
भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 49 के तहत बैंक वह दर है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक मिनिमम बोलो या वाणिज्य पत्रों को खरीदी या बदलने की पुनर बटा करने के लिए तैयार रहता है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक का सट्टा पढ़ने पर बैंकों को तीर्थंकर कानून उपलब्ध कराता है बैंक दरवाजा पाइप बैंक को दिए जाने वाले आधार पर ब्याज दर की न्यूनतम सीमा निर्धारण करती है इस दर्द द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक के साथ उपलब्ध साहब की लागत को प्रभावित करता है इसका रिजर्व बैंक बैंकों के साथ सीजन सती प्रभावित करता अर्थव्यवस्था में मुद्रा शक्ति रोकने के लिए बैंक दर को बढ़ाया जाता है और मुद्रा अनुसूची की सामना करने के लिए बैंक दर कम किया जाता है
रेपो रेट
रेपो रेट वह दर होती है जिसमें भारतीय रिजर्व की अनुसूचित वाणिज्य बैंकों को अल्पकालीन ऋण प्रदान करता है बैंकों अर्थात बैंकों में रेपो रेट वृद्धि करने से व्हाट इस द बैंकों द्वारा ब्याज दर में वृद्धि निवेश करता और परिवारों द्वारा साथ की मांग में कमी अर्थात अर्थव्यवस्था तरलता में कमी आ जाती है होप उपभोग व एवं निवेश देश में गिरावट की जाती है बैंकों में रेपो रेट दर में कमी करने पर वाणिज्य बैंकों द्वारा बाद ब्याज दोनों में कमी आती है निवेश और परिवारों द्वारा साथ में वृद्धि होती अर्थात अर्थव्यवस्था तरलता में वृद्धि होती है उपभोग व्यय एवं निवेश व में वृद्धि होती है भारतीय रिजर्व बैंक चरण निधि समायोजन सुविधा के तहत बैंकों को सरकार संपादकीय के विरुद्ध अनुमानित प्रतिभूतियों के विरुद्ध हुआ नाइट चल निधि प्रदान करता है सामान्य शब्दों में भारतीय रिजर्व बैंक जिस पर वाणिज्य बैंक देता है शरीर पूरा उत्तर खाता रिपोर्ट दर्ज पर भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा नीति के दोनों के रूप में प्रतिभूतियों के करे साधन अर्थव्यवस्था की तरह धन वृद्धि के लिए किया जाता है
रिजर्व रेपो दर
रिजर्व रिपोर्ट धरवाड़ होती है जो भारतीय रिजर्व बैंक अपने ग्राहकों को उनसे लिए गए अल्पकालीन वीडियो पर प्रदान करता है तथा रिजर्व दर पर प्रयोग भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा वाणिज्य बैंकों से अल्पकालिक रेट लेकर अर्थव्यवस्था से तरलता को निकालने के लिए किया जाता है रिजर्व रेपो रेट में वृद्धि करने पर बाजार में तरलता में कमी होती है परिणाम स्वरुप ब्याज दरों में वृद्धि हो जाती है न्यू निवेशवाताओं और परिवार द्वारा सांप की मांग में कमी अर्थात अर्थव्यवस्था की तरलता में कमी होती है उपभोग और वह में निवेश में गिरावट समग्र मांग की कमी की जा सकती है रिजर्व रेपो रेट में कम करने पर बाजार में तरलता में वृद्धि होगी प्रणाम स्वरूप ब्याज दरों में काम की जा सकती है न्यू एक सप्ताह और परिवार द्वारा साथ की मांग में वृद्धि होगी जिसे तरलता में वृद्धि की जा सकती है उपभोग व्यय एवं निवेश में वृद्धि समग्र मांगने विधि की जा सकती है
नगर आरक्षित अनुपात
बैंकों को ग्राहक द्वारा नगद निकालने की स्थिति में पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अपनी अपनी कुछ जमा राशि एक निश्चित प्रतिशत भारतीय रिजर्व बैंक के पास रखना होता है जिससे नगद आरक्षित अनुपात CRR कहते हैं सामान्य शब्दों में नगर आरक्षित अनुपात का उपयोग की कुल जामो के उसे पर अनुपात से जो वाणिज्य बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंकों के पास आवश्यक रूप से रखना पड़ता है अर्थव्यवस्था मैं मुद्रा की पूर्ति को नियंत्रित करने के लिए इसमें समय-समय पर परिवर्तन किया जाता है नगद आरक्षित अनुपात की मात्रा RBI बैंकों द्वारा निर्धारित की जाती है आरबीआई के गवर्नर कमेटी के एक्स ऑफिशियल अध्यक्ष होते हैं बैंक को नगद की समस्या को उसे सुरक्षित प्रदान करने के लिए कवच की भांति कार्य करता है भारतीय रिजर्व बैंक व्यापारी बैंकों में नगर आरक्षित अनुपात की राशि पर कोई ब्याज नहीं देता नगद आरक्षित अनुपात सी आर आर में वृद्धि के कारण मरीज बैंकों में साक्षी सर्जन क्षमता में कई गुना कमी की हो जाती है अत्यधिक मुद्रास्फीति में समय भारतीय रिजर्व बैंक सौर को बढ़ा देती है और इसमें तारता को कम करने के लिए मुद्रा इस प्रीति को नियंत्रित करने का प्रयास करता है इस प्रकार नगद आरक्षित अनुपात कर में कमी के कारण वाणिज्य बैंकों में साथ सृजन क्षमता कई गुना विधि हो जाती है तथा इसे तरलता में विधि करके मुद्रास्फीति को ठीक करने का प्रयास किया जाता है
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी बैठक का आयोजन दसवीं एसपी रेपो रेट किधर 6.5 परसेंट होगी पहले एसपी का गठन 2016 सितंबर को किया गया लास्ट टाइम में एसपी रेपो रेट मेमोरी वृद्धि फरवरी में 2023 में हुई थी एसपी ने 2024 25 के लिए रियल जीडीपी की ग्रोथ 7.2% की है 2024 25 के लिए सीपीआई इन्फ्लेशन 4.5 की गई है
आरबीआई एक्ट 1934 सेक्शन 45ZB MPC की स्थापना की गई